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2024 ईद क्यूँ मनाई जाती है? ईद का महत्व क्या है

ईद क्यूँ मानते है - वैसे आपको ये बात तो पता ही होगी की मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा पर्व ईद है जो की रमजान मुबारक का महीना खत्म होने के बाद चंद देख कर मनाई जाती है इस ईद को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है ईद का त्योहार भाईचारे और प्रेम को बढ़ावा देने वाला त्यौहार है ईद वाले दिन सभी एक दूसरे के गले मिल कर बधाई देते है और खुदा से हाथ उठा कर दुआ करते हैं कि सुख-शांति रहे इसमाल मे कहा गया है की इस दिन दुश्मन को भी गले लगा कर सारे शिकवे गीले भुला देना चाहिए।


ईद के पर्व पर मुस्लिम ईदगहा या फिर मस्जिद में नमाज को अदा करते है और उसके बाद एक दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद (Eid Mubarak 2024) देते है ईद पर बड़े बुजुर्ग छोटों बच्चे सभी एक दूसरे से गले मिलते है ईद पर मीठी सेवइयां बनाई जाती हैं वैसे आपको बता दूँ की दो तरह की ईद मनाई जाती है पहली मीठी ईद होती है जो की 30 रोजे रखने के बाद मनाई जाती है और दूसरी ईद जिसे बकरा ईद के नाम से जाना जाता है ये पहली ईद के लगभग 68 दिन बाद मानते है।


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मुस्लिम ईद क्यूँ मनाते है?

ईद खुशी का त्यौहार है इस दिन मुस्लिम ही नहीं बल्कि दूसरे समुदाये के लोग भी ईद मानते है और मुस्लिम भाइयों को इस की बधाई देते है तो चलिये अब जानते है इस्लाम धर्म मे Eid क्यू मनाई जाती है तो आपको बता दे की मक्का से मोहम्मद पैगंबर साहब के प्रवास के बाद मुस्लिमो का पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ क्यूकी इस दिन पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी।


लड़ाई के जीत मिलने की खुशी में सबका मुंह मीठा कराया गया था इस लिए ही इस दिन को मीठी ईद या फिर ईद-उल-फितर के रुप में भी मनाया जाता और ये पर्व ऐसा नहीं है की सिर्फ हमारे भारत मे ही मनाया जाता है बल्कि ईद को पूरी दुनिया के मुसलमानो के द्वारा मनाया जाता है तो इस लिए इस्लाम धर्म मे ईद का त्यौहार मनाया जाता है।


Eid 2022

पहली बार ईद कब मनाई गई थी?

अगर ये बात करें की इस्लाम धर्म मे पहली बार ईद का त्यौहार कब मनाया गया था तो इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार हिजरी संवत 2 यानी की 624 ईस्वी में पहली बार यानि की अब से (लगभग 1400 साल पहले) ईद-उल-फितर पहली बार मनाया गया था। 


हम आपको बता दे की पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने बताया है कि ईद का उत्सव मनाने के लिए अल्लाह ने कुरान में पहले से ही 2 सबसे पवित्र दिन बताए हैं जिन्हें ईद-उल-फितर और दूसरे को ईद-उल-जुहा कहा जाता है तो इस्लाम धर्म के अनुसार इस पतरहा से ईद मनाने की परंपरा अस्तित्व में आई थी।


ईद का महत्व क्या है?

इस्लाम धर्म मे इस ईद के त्यौहार को आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण गया है ईद वाले दिन मुस्लिम लोगो द्वारा ईदगाह में जाकर नमाज अदा की जाती है नमाज़ पूरी होने के बाद दुआ की जारी है और दुआ के बाद एक दूसरे के गले लग कर ईद मुबारक बोलते हैं इस दिन लोग एक दूसरे के घर जाकर ईद मिलते है और मीठी सिवई खाई जाती है और हाँ ईद वाले दिन जो लोग दुखी होते है उनको दान भी करते है।


ईद की शुरुआत कैसे हुई?

जैसा की हमने आपको ऊपर बताया था की इस्लामिक कैलेंडर या फिर हिजरी के अनुसार रमजान का महीना मुस्लिमो के द्वारा बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है इस पूरे महीने मुस्लिम रोजे रखते है और कुरान की तिलवट करते है नमाज़ पढ़ते है और Allha से दुआ करते है ये वर्ष का नौवां महीना होता है इस महीने को 624 ईस्वी में हजरत मुहम्मद साहब द्वारा युद्ध लड़ा गया था इस युद्ध में उन्हें जीत मिली थी।


इस जीत की खुशी में हजरत मुहम्मद साहब ने ईद उल-फ़ितर मनाया था बस इसके बाद से मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा हर साल ईद का त्यौहार मनाया जाने लगा मे आपको पहले भी बता चुका हूँ की इस ईद के त्यौहार को मनाने से पहले तीस दिन तक रोजे रखे जाते है इसके बाद ईद का चाँद देख कर ईद मनाई जाती है।


परंपरा के अनुसार ईद कैसे मनाई जाती है?

चलिये अब जानते है ईद का ईद का त्यौहार कैसे मनाया जाता है तो इसकी शुरुआत सुबह दिन की पहली प्रार्थना के साथ की जाती है जिसे सलात अल-फ़ज़्र कहते है इसके बाद मे पूरा परिवार कुछ मीठा खाता है जैसे की मीठी सिवई या खजूर खाना भी सुभ माना गया है।


ईद पर लोग नए कपड़े बनाते है उन नए कपड़ो को पहन कर ईदगाह या मस्जिद मे जाते है यहाँ पूरा समुदाय एक साथ ईद की नमाज़ पढ़ता है नमजा के बाद सुख शांति और दुनिया मे आमना बना रहे इसकी दुआ की जाती है फिर सभी लोग एक दूसरे को ईद की बधाईयां देते है उस समय एक दूसरे के तीन बार गले लग कर ईद-मुबारक कहते हुए सलाम क्या जाता है ऐसा करना एक दूसरे के प्रति प्यार और आपसी भाईचारे को दर्शाया जाता है।


ईद-उल-फितर के दिन सभी के घर मे एक खास दावत तैयार की जाती है जिसमे मीठा खाना के साथ साथ और भी बहुत कुछ बनाया जाता है ईद-उल-फितर के त्यौहार पर खासतौर से सेवइयां बनाई जाती है और इसे सूखे मेवों और फलों के साथ परोसा जाता है सभी लोग एक दूसरे के घर जाकर सिवई खाते है और गले मिलते है।


रमज़ान क्यूँ मनाया जाता है?

ऐसे भी बहुत से लोग है जिन्हें नहीं पता की रमज़ान मे रोजा क्यूँ रखा जाता है तो मे आपको बता दूँ की रमजान महीने में रोजे रखने को फर्ज करार दिया गया है और ऐसा इसलिए ताकि इंसान को भूख-प्यास का अहसास हो सके और उसको पानी और अनाज की अहमियत पता चल सकते और इंसान लालच से दूर होकर सही राह पर चलने लगे।


ईद पर दिए जाने वाले दान को क्या कहा जाता है?

ईद पर हर उस मुस्लिम परिवार द्वारा दान किया जाता है जो दान देने की हालत मे है जिसे फितर का अभिप्राय कहा जाता है ईद मुस्लिमो का एक ऐसा त्यौहार है जिसमें सबको खुशी बांटी जाती है और जो परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं उन्हें फितरा यानि की दान देकर उनकी मदद की जाती है।


ईद कितने प्रकार की होती है?

अगर आपको भी नहीं पता की ईद कितने प्रकार की होती है तो हम आपको बता दे की इस्लामिक कैलेण्डर के अनुसार साल में दो ईद आती हैं पहली ईद को ईद को ईद-उल-फितर या मीठी ईद भी कहा जाता है और दूसरी ईद को ईद-उल-जुहा जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है तो ईद दो प्रकार की होती है।


ईद कब है 2024

वैसे आपको शायद पता नहीं हो लेकिन ईद के त्योहार की तारीख चांद के दीदार के साथ तय होती है सऊदी अरब देश के द्वारा घोषित तारीख के अनुसार ही पूरी दुनिया में ईद का त्यौहार मनाया जाता है लेकिन बाकी देशो से एक दिन पहले अरब देशो मे ईद जाती है अगर बात करें की भारत मे ईद कब है 2024 तो हमारे भारत मे इस साल यानि की 2024  मे 3 May को ईद का त्यौहार मनाया जाएगा।


मुस्लिम ईद पर बकरे की कुर्बानी क्यों देते हैं?

इस्लामिक मान्यता अनुसार ईद-उल-जुहा यानि की बकराईद पर बकरे की कुर्बानी दी जाती है चलिए इसके पीछे का इतिहास जानते है मान्यता है की इस दिन हज़रत इब्राहिम अपने पुत्र हज़रत इस्माइल को खुदा के हुक्म पर खुदा की मर्जी में कुर्बान करने जा रहे थे तो अल्लाह ने उसके पुत्र को जीवनदान दे दिया जिसकी याद में यह पर्व तब से मनाया जाने लगा।


और यहीं से ईद उल अज़हा की शुरूआत हुई और सभी मुस्लिम हज़रत इब्राहिम की इस सुन्नत को ज़िंदा रखने के लिए अल्लाह की राह में कुर्बानी पेश करते हैं इस्लाम में मुसलमानों और गरीबों का ध्यान रखने को खास तौर पर कहा गया है इस वजह से बकरीद पर गरीबों का खास ख्याल रखा जाता है इस दिन कुर्बानी के बाद गोश्त को लोगो में बाँट दिया जाता है।


अंतिम शब्द - 

तो दोस्तो मे आशा करता हूँ की अब आपको ईद से जुड़ी लगभग सभी जानकारी मिल गई होगी यदि अभी भी आपको कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट बॉक्स मे पुंछ सकते हो आप हमारे इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें अपने दोस्तो मे ताकि उन्हें भी इसकी जानकारी मिल सकते शुक्रिया।

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