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Facts About Barreleye Fish - मछली है या फिर एलियन? आंखें हैं हरी और सिर है पारदर्शी देख के वैज्ञानिक भी हैरान

Barreleye Fish - जैसा की ये तो हम सब जानते है की हमारी ये दुनिया कई तरह के अजीबो गरीब जीव जंतु से भरी पड़ी हैं। और जब भी हम कोई नया जीव देखते हैं तो उसे देखकर हमें हैरानी जरूर होती है। हमरे इस पृथ्वी पर कई अलग- अलग तरह से विचित्र जीव रहते हैं जिसमे से हम कुछ जीवो के बारे तो जानते है और कुछ जीवो के बारे में हम कुछ भी नहीं जानते है और कुछ जीव तो ऐसे भी है जिन्हें हमने अभी तक देखा भी नहीं है। 


हम आपको बता दें की हाल ही में वैज्ञानिकों को एक ऐसी मछली मिली है जो की अपने माथे से देखती है। यानी की इस दुर्भल मछली की आंखें इसके माथे पर होती हैं और इस मछली का रंग किसी हरे बल्ब की तरह होता है। इससे पहले कभी ऐसी मछली नहीं देखि गई थी इसे पहली बार देखा गया था पहली बार इस मछली को कैलिफोर्निया के मॉन्टेरे बे की गहराइयों में देखा गया था और मछली का नाम नाम बैरलआई फिश (Barreleye Fish) रखा है।


में आपको बता दूँ की बैरलआई मछली को स्पूकफिश के नाम से भी जाना जाता है और ये मछली गहरे समुद्र में रहती है। बैरलआई मछली की कई सारि प्रजातियाँ हैं, लेकिन इन सभी प्रजातियों में सबसे प्रसिद्ध पैसिफ़िक बैरलआई (मैक्रोपिन्ना माइक्रोस्टोमा) है चलिए इस मछली की कुछ खास विशेषताएं जानते है। 

Barreleye Fish

Facts About Barreleye Fish

बैरलआई मछली की सबसे खास बात इसका पारदर्शी सिर है। इस मछली का सिर एक जिलेटिनस पदार्थ से भरा होता है प्रकाश भी इसके सर से आर पर निकल जाता है यह अनुकूलन मछली को अपने सिर के माध्यम से ऊपर की ओर देखने में सक्षम बनाता है।


बैरलआई मछली में बड़ी और ट्यूबलर के आकार की दो आंखें होती हैं जो की ऊपर की ओर स्थित होती हैं ये मछली अपनी आँखों को घुमा भी सकती हैं, जिससे ये ऊपर और आगे दोनों ओर देख सकती हैं। ऊपर की ओर की आंखें इस मछली को शिकार या संभावित शिकारियों से बचने में मदद करती हैं जो की इसके ऊपर हो सकते हैं।


वैज्ञानिकों का मानना है कि इस मछली की आंखों का हरा रंग इसे सूरज की रोशनी को फिल्टर करने में इसकी काफी ज्यादा मदद करता है जैसे ही इस मछली को कोई जेली या छोटे क्रस्टेशियंस दिखाई देते हैं इसकी आंखों के हरे बल्ब थोड़ा बाहर की ओर निकल आते हैं।


बैरलआई मछली में छोटे काले रंग के संवेदी अंग होते हैं इन अंगों को नायर कहा जाता है जो उनके सिर के ऊपर स्थित होते हैं। ये मछली इन नाड़ियों का उपयोग भोजन की गंध सूंघने या पानी में अन्य रासायनिक संकेतों का पता लगाने के लिए करती है।


जैसा की हमने आपको पहले भी बता दिया की बैरलआई मछली गहरे समुद्र में पाई जाती हैं ये मछली लगभग 600 से 800 मीटर या 2,000 से 2,600 फीट की गहराई में रहती है और ये मछली कैलिफोर्निया और जापान के तट से दूर प्रशांत महासागर में देखने के लिए मिलती हैं।


बैरलआई मछली मुख्य रूप से जेलिफ़िश और सिफ़ोनोफ़ोर्स जैसे कुछ और छोटे मोठे जीवों को अपना शिकार बनाती है।


उनके मायावी प्रकृति और गहरे समुद्र में रहने के कारण बैरलआई मछली के प्रजनन व्यवहार के बारे में वैज्ञानिको के पास ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन माना जाता है कि ये अंडे देती हैं।


अंतिमस शब्द - गहरे समुद्र की कठिन स्थितियों में खुद को जीवित रखने के लिए समुद्री जीवों द्वारा विकसित किए गए आकर्षक अनुकूलन का एक अच्छा उदाहरण बैरलआई मछली है इस मछली के बारे अभी हम काफी काम जानते है क्युकी समुद्री जीवों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों को ये मछली उनके जीवन में सिर्फ एक ही बार देखने के लिए मिलती है।

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