Superdeep Borehole - क्या आपको पता है धरती पर एक ऐसी जगह भी मौजूद है जिसे 'नर्क का द्वार' कहा जाता है और ये 'नर्क का द्वार' रूस के कोला प्रायद्वीप में स्थित है आपको बता दूँ की ये आज के समय में पृथ्वी पर मौजूद सबसे गहरा बोरहोल है नर्क का द्वार कहे जाने इस गड्डे को 'कोला सुपरडीप बोरहोल' के नाम से जाना जाता है इसे पृथ्वी के अंदर का अध्ययन करने के खोदा गया था।
आपको बता दें की 1970 में रूसी वैज्ञानिकों ने इस गड्डे को खोदना शुरू किया था इसकी खुदाई लगभग 19 साल तक चली थी और इस 19 साल के समय में वैज्ञानिक सिर्फ 12 किमी की गहराई तक ही इस गड्डे को खोद पाए थे और उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि वैज्ञानिक को खुदाई का काम रोकना पड़ गया लेकिन क्यों चलिए वो जानते है।
रूसी वैज्ञानिकों ने 1970 में अमेरिकी वैज्ञानिकों को चुनौती देने के लिए इस योजना पर काम करने का मन बनाया था 1970 में ही रूस की सरजमीं पर इस गड्ढे को खोदने का काम शुरू कर दिया गया था और गड्डे को नाम दिया गया था कोला सुपरडीप बोरहोल का जिसके बाद 1994 में इस बोरहोल का काम बंद कर दिया गया थे
कोला सुपर डीप बोरहोल 1970 के दशक में सोवियत संघ द्वारा पृथ्वी के अंदर का अध्ययन करने के खोदा गया था जो की एक वैज्ञानिक ड्रिलिंग परियोजना थी ये होल उत्तर-पश्चिमी रूस में कोला प्रायद्वीप में स्थित है और इस खड्डे को 12,262 मीटर (40,230 फीट) की गहराई तक खोदा गया था जिसके बाद से ही ये दुनिया का सबसे गहरा बोरहोल बन गया था।
इस परियोजना का उद्देश्य पृथ्वी के अंदर की परत और इसकी संरचना को समझना था ड्रिलिंग को कई अलग अलग चरणों में किया गया था हालाँकि यह परियोजना में वैज्ञानिक उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल भी रही लेकिन अंत में कई सारि कठिनाइयों का सामना करना पढ़ रहा था जिसके कारण इस खड़े को ऐसे ही छोड़ दिया गया।
आपको बता दें की कोला सुपरडीप बोरहोल को आज भी भूविज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जाता है और इसने पृथ्वी की परतों को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको गड्डे से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्य ये बारे में बताने वाले है।
Facts About Kola Superdeep Borehole
कोला सुपरदीप बोरहोल 1970 के दशक में सोवियत संघ द्वारा पृथ्वी की ऊपरी परत की गहराई का पता लगाने के लिए खोदा गया एक गड्डा है। जिससे जुड़े कुछ तथ्य निचे हम आपको बताने बाले है।
1 - आपको बता दूँ की कोला सुपरदीप बोरहोल दुनिया का सबसे गहरा बोरहोल है इस गड्डे की गहराई 7.5 मील यानि की लगभग 12 किलोमीटर है।
2 - यह परियोजना 1970 में सोवियत संघ द्वारा पृथ्वी की पपड़ी और ग्रह के आंतरिक भाग के बारे में अधिक जानकारी को जोड़ने के प्रयास में शुरू की गई थी।
3 - दुनिया के इस सबसे गहरे बोरहोल को नॉर्वेजियन सीमा के पास रूस में कोला प्रायद्वीप पर ड्रिल किया गया था।
4 - अत्यधिक गर्मी और इतनी गहराई पर दबाव के साथ-साथ कठोर क्रिस्टलीय रॉक संरचनाओं के कारण ड्रिलिंग प्रक्रिया धीमी और कठिन थी इस लिए इसे बंद कर दिया गया था।
5 - इस गड्डे के सबसे गहरे बिंदु पर यानि की इस बोरहोल के तल पर तापमान 350 डिग्री सेल्सियस (662 डिग्री फ़ारेनहाइट) से भी अधिक था।
6 - 1992 में धन की कमी के कारण परियोजना को निलंबित कर दिया गया था और इस बोरहोल को 2008 में बंद कर दिया गया था।
7 - कोला सुपरडीप बोरहोल पृथ्वी की ऊपरी पपड़ी में अब तक का सबसे गहरा छेद है इसके बाद सम्मान ऑयल रिग डीपवाटर होराइजन जो की 2009 में मैक्सिको की खाड़ी में 35,055 फीट (10,685 मीटर) की गहराई तक ड्रिल किया गया था।
8 - कोला सुपरडीप बोरहोल ने वैज्ञानिकों को पृथ्वी के भूविज्ञान की बेहतर समझ हासिल करने में मदद काफी ज्यादा मदद की थी जिसमें पृथ्वी की ऊपरी पपड़ी की संरचना और संरचना, खनिज जमा का गठन, और गहरी रॉक संरचनाओं भी शामिल हैं।
9 - इस परियोजना ने अत्यधिक गहराई पर रहने वाले पहले के अज्ञात सूक्ष्मजीवों की खोज का भी नेतृत्व किया गया था जिसका अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज के लिए निहितार्थ है।
10 - आपको बता दे की कोला सुपरदीप बोरहोल को अभी भी इतिहास में सबसे प्रभावशाली इंजीनियरिंग कारनामों में से एक माना जाता है जो की दुनिया भर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को प्रेरित करता है।
अंतिम शब्द - अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया तो इसको शेयर करे यदि आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूंछ सकते हो शुक्रिया Kola Superdeep Borehole Facts In Hindi
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