मन जाता है की इस सड़क के बाद दुनिया ख़त्म हो जाती है इस सड़क के आगे बस बर्फ और समुंदर ही दिखाई देता है आज के इस आर्टिकल में हम आपको दुनिया की आखरी सड़क (last road of the earth) के बारे में जानकारी देंगे साथ ही इससे जुडी कुछ ऐसी बातें बताएँगे जिसे सुन कर आप हैरान हो जाओगे तो चलिए जानते है।
बहुत काम लोग है जो इसके बारे में जानते होंगे हो सकता है आपने भी दुनिया की आखिरी सड़क के बारे में नहीं होगा इस लिए आज का ये आर्टिकल दुनिया की आखिरी सड़क (Last Road of World) आपके लिए लिख रहे है यहाँ दुनिया भर से लोग घूमने के लिए आते है आपको भी मरने से पहले यहाँ एक बार जरूर जाना चाहिए।
दुनिया की आखरी सड़क (Last Road of Earth) के बारे में अगर आप वीडियो के माध्यम से जानना चाहते हो तो हमने अपने यूट्यूब चैनल राशिद सैफी पर एक वीडियो बनाया है जिसमें हमने दुनिया की आखरी रोड के बारे में आपको जानकारी दी है निचे वीडियो का लिंक दिया है क्लिक करके आप इसको देख सकते हो।
दुनिया की आखरी सड़क कहाँ है?
हम जिस जगह की बात कर रहे है वो नॉर्वे में मौजूद है दरअसल उत्तरी ध्रुव (North Pole) पृथ्वी (Earth) का सबसे सुदूर बिंदु मन जाता है आपको बता दे की यहीं पर हमारी पृथ्वी की धुरी घूमती है और ये जगहा नॉर्वे (Norway) के आखिरी छोर पर मौजूद है और जिस सड़क की बात कर रहे है वो एक हाईवे है।
दुनिया की आखरी सड़क का नाम E-69 है इसे ही दुनिया की आखरी सड़क माना जाता है ये सड़क पृथ्वी के आखरी छोर और नॉर्वे को आपस में जोड़ने का काम करती है और इस सड़क की लम्बाई लगभग 14 किलोमीटर है और १४ किलोमीटर लम्बी सड़क को ही दुनिया की आखरी सड़क कहा जाता है।
इस सड़क के ख़त्म होने के बाद आगे कोई भी सड़क नहीं है इसके आगे बस बर्फ और समुन्दर ही दिखाई देता है इस सड़क पर लोगो को अकेला नहीं जाने दिया जाता है और इस पर पैदल चलना मन है क्युकी इस सड़क पर बर्फ की मोती चादर बिछी रहती है जिसमे आपके खो जाने खा खतरा बना रहता है।
यहाँ 6 महीने दिन 6 महीने रात रहती है
यह जगह उत्तरी ध्रुव के बिल्कुल नज़दीक है जिसके कारण यहाँ पर सर्दियों के मौसम में ना तो राते ख़त्म होने का नाम लेती है और ना ही गर्मियों में सूरज डूबने का नाम लेता है यानि की एक तरह से आप कह सकते हो की इस जगह पर 6 महीने दिन तो 6 महीने रात रहती है।
इस जगह पर बहुत अधिक ठण्ड पढ़ती है फिर भू यहां लोग रहते है और दुनिया के कोने कोने से यहाँ लोग घूमने आते है सर्दियों में यहाँ का तापमान -43 डिग्री से -24 डिग्री सेल्सियस तक रहता है और वहीं गर्मियों के मौसम में यहाँ का तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस तक रहता है आप सोच सकते हो सर्दियों में यहाँ ठण्ड कितनी होगी।
पहले यहाँ होता था मछलियों का कारोबार
ऐसा नहीं है की बहुत पहले से लोग यहाँ रहते है या घूमने जाते है असल में पहले यहाँ सिर्फ़ मछली का कारोबार क्या जाता था मछुआरे यहाँ से मछलियां पकड़ते थे और फिर उनको बेंच दिया जाता था लेकिन सन् 1930 के आसपास से इस जगह का विकास होना शुरू हो गया था।
और फिर लगभग 4 साल बाद यानी की 1934 में यहाँ के रहने वाले लोगों ने सोचा कि क्यों न यहाँ पर सैलानियों को स्वागत किया जाये इससे उनकी इनकम का एक और रास्ता बन जायेगा और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरे तब से ही यहाँ दुनिया भर से लोग घूमने आने लगे।
अरोरा लाइट्स देखना होता है दिलचस्प
जो लोग भी उत्तरी ध्रुव घूमने के लिए जाते हैं उनको यहाँ जाने के बाद उस जगह का एक अलग ही अनुभव प्राप्त होता है क्युकी यहां पर डूबता हुआ सूरज और पोलर लाइट्स तो देखना अपने आप में बहुत रोमांचक होता है यहाँ गहरे नीले आसमान में कभी हरी तो कभी गुलाबी रोशनी देखने को मिलती है जिसे ऑरा भी कहा जाता है और यह सिर्फ़ रात के समय में दिखाई पढ़ती है जब पुरे आसमान में अँधेरा छाया होता है।
पृथ्वी का अंतिम छोर कौन सा है?
उत्तरी ध्रुव के बारे में तो आपने सुना ही होगा इसके बारे में हमने आपको ऊपर जानकारी दी है ये पृथ्वी का सबसे सुदूर उत्तरी बिंदु है यह वह बिंदु है जहां पर हमारी पृथ्वी की धुरी घूमती है और यह नॉर्वे का आखिरी छोर है यहां से आगे जाने वाले रास्ते को ही दुनिया की आखिरी सड़क माना जाता है इस लिए इसको ही पृथ्वी का अंतिम छोर कहा जा सकते है।
अंतिम शब्द -
दोस्तों अगर आपको कभी दुनिया की आखरी सड़क पर जाने मौका मिले तो क्या आप यहाँ जाना चाहोगे हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताना उम्मीद है की आपको हमरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी यदि आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट कर सकते हो शुक्रिया।
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